ज़ायोनी सेना ने ग़ज़्ज़ा की नाकाबंदी तोड़ने के लिए मेडलीन जहाज़ से जा रहे ग्रेटा थनबर्ग समेत दुनिया भर के 12 एक्टिविस्ट को इस जहाज़ पर हमला करते हुए बंदी बना लिया है। ज़ायोनी सेना ने ग्रेट थनबर्ग जैसे एक्टिविस्टों को ग़ज़्ज़ा लेकर जा रही नाव को रोक दिया है। इस नाव पर ज़ायोनी सैनिक मौजूद हैं। एक्टिविस्टों का दावा है कि ज़ायोनी सेना ने उनके फोन छीनकर फेंक दिए हैं और कम्युनिकेशन सिस्टम को बंद कर दिया है।
इसके बावजूद एक्टिविस्टों ने जबरन ग़ज़्ज़ा जाने की कोशिश की, जिसके बाद ज़ायोनी सेना ने उनके जहाज को इंटरसेप्ट कर कब्जे में ले लिया है। ज़ायोनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि मैडलीन को इस्राईल के अशदूद बंदरगाह पर ले जाया जा रहा है। वहीं, एक्टिविस्टों का कहना है कि वह भुखमरी की कगार पर खड़े ग़ज़्ज़ा के लिए राहत सामग्री लेकर जा रहे हैं।
अल जजीरा की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि गाजा फ्रीडम फ्लोटिला का समर्थन करने वाले इंटरनेशनल सॉलिडेरिटी मूवमेंट के सह-संस्थापक हुवैदा अराफ ने बताया है कि उनके जहाज पर सफेद पदार्थ डाला गया, जिससे सभी की आंखों में जलन होने लगी। उन्होंने कहा, “कुछ ही क्षण पहले, ऐसा लग रहा था कि संचार टूट गया है।” इसलिए, मैडलीन पर हमारे सहकर्मियों से हमारा सारा संपर्क टूट गया है।” उन्होंने कहा, “इससे पहले, हम जानते हैं कि उनके ऊपर दो ड्रोन मंडरा रहे थे, जिन्होंने जहाज पर किसी तरह का रसायन गिराया था। हमें नहीं पता कि वह रसायन क्या था।”
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